केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की ताजा जांच में देश भर में बनी 103 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं। इन दवाओं का उपयोग शरीर दर्द, मानसिक रोग, एसिड, एलर्जी, बुखार, अल्सर और संक्रमण जैसी बीमारियों के इलाज में किया जाता है। फेल दवाओं में 36 दवाएं अकेले हिमाचल प्रदेश में निर्मित हैं।
जांच में सामने आई फेल दवाओं में प्रमुख रूप से रेबेप्राजोल टैबलेट, हैलोपेरीडोल इंजेक्शन, एम्ब्रोक्सोल हाइड्रोक्लोराइड सिरप और एड्रेनालाइन बिट्रटेट इंजेक्शन शामिल हैं। इन दवाओं की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, जिससे मरीजों की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
सीडीएससीओ ने इन दवाओं के निर्माता कंपनियों से स्पष्टीकरण मांगा है और मामले की गंभीरता को देखते हुए सख्त कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि दवाओं की गुणवत्ता में इस तरह की लापरवाही से जनता के स्वास्थ्य के लिए खतरा बढ़ सकता है।