नई ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) महामारी पर चिंता, मगर विशेषज्ञों का कहना है कि यह नया वायरस नहीं है
Satveer Singh
जनवरी 07, 2025
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जितेन्द्र कुमार सिन्हा |
पटना, 07 जनवरी, 2025:
चीन में फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) ने दुनियाभर में चिंता बढ़ा दी है। यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और संक्रमित व्यक्ति में फ्लू जैसे लक्षण उत्पन्न करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस नया नहीं है, और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इसकी पहचान पहली बार 2001 में हुई थी।
चीन में इस वायरस के मामलों में तेज़ी से वृद्धि हो रही है, खासकर उत्तरी क्षेत्रों और बड़े शहरों में। भारत में भी अब तक इसके छह मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से दो बेंगलूरु, दो तमिलनाडु, एक गुजरात और एक पश्चिम बंगाल से हैं। इन मरीजों में से कुछ की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, जबकि अन्य का इलाज जारी है।
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से संक्रमित व्यक्ति में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और घरघराहट जैसे लक्षण दिखते हैं। यह वायरस खासतौर पर छोटे बच्चों में ज्यादा असर दिखाता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि इस वायरस से घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह कोई नया वायरस नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी पुष्टि की है कि भारत इस संक्रमण से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और इसे लेकर कोई चिंता की बात नहीं है।
एचएमपीवी का संक्रमण श्वसन तंत्र से संबंधित बीमारियों का कारण बन सकता है, और इससे बचाव के लिए लोग खांसी-छींक के समय अपने मुंह को रूमाल या टिशू पेपर से ढकने और हाथों को नियमित रूप से धोने की सलाह दी गई है। चिकित्सक यह भी मानते हैं कि इस तरह के संक्रमण सर्दियों में सामान्य रूप से होते हैं और इसके इलाज के लिए सर्दी-जुकाम की दवाइयां दी जाती हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि एचएमपीवी वायरस का संक्रमण खासकर उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है जो पहले से श्वसन तंत्र संबंधी समस्याओं से ग्रसित हैं। इस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए, संक्रमित व्यक्तियों को दूसरों से दूरी बनाए रखने और नियमित हाइजीन का पालन करने की सलाह दी गई है।