विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार रिजर्व बैंक रेपो रेट में कटौती कर सकता है। अगर ऐसा होता है, तो न केवल लोन की EMI में राहत मिलेगी, बल्कि घरों की मांग भी बढ़ने की संभावना है। ऐसी स्थिति में रियल एस्टेट क्षेत्र को भी बूस्ट मिलने की व्याप्ति है, जिससे विकसित होते भारतीय अर्थव्यवस्था में एक कोलाजिन और स्थिरता देखने को मिल सकती है।
इस घोषणा के बाद संचालित आर्थिक क्रियाकलापों का एक महत्वपूर्ण पहलू होगा - क्या यह देश की आम जनता के लिए खुशी की घोषणा साबित होगी? स्थानीय ग्राहकों, छोटे व्यवसायियों और रियल एस्टेट निवेशकों का ध्यान इस बात पर है कि कैसे RBI की इस निर्णय का लाभ आम आदमी तक पहुंचता है।
समग्रता में, RBI की रेपो रेट की घोषणा शुक्रवार को निश्चित रूप से वित्तीय समाचार की सुर्खियां बनेगी और सभी की निगाहें इस पर टिकी रहेंगी। अगर फाइनल निर्णय में कटौती होती है, तो जोश और सकारात्मकता से भरी यह खबर अर्थव्यवस्था के कल्याण में एक नई उम्मीद का संचार करेगी।