पटना में रविवार को सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (CHO) की परीक्षा में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। पुलिस ने 12 से अधिक ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों पर छापेमारी की, जिसमें 12 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया और 2 परीक्षा केंद्रों को सील कर दिया गया।
क्या हुआ?
• वायरल ऑडियो और व्हाट्सएप चैट के जरिए परीक्षा में गड़बड़ी की जानकारी सामने आई।
• राज्य स्वास्थ्य समिति ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को जांच का आदेश दिया।
• पुलिस ने परीक्षा शुरू होने से पहले 12 परीक्षा केंद्रों पर छापेमारी की।
• परीक्षा केंद्रों से संदिग्ध कागजात और उपकरण जब्त किए गए।
पुलिस की कार्रवाई:
• रामकृष्णानगर समेत 12 केंद्रों पर एक साथ छापा मारा गया।
• हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी।
• जब्त सामान की जांच से और सुराग मिलने की उम्मीद।
• परीक्षा में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर परीक्षा रद्द हो सकती है।
4500 पदों के लिए थी परीक्षा:
यह परीक्षा सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के 4500 रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित की गई थी। परीक्षा एक निजी एजेंसी द्वारा आयोजित की जा रही थी।
व्हाट्सएप चैट से हुआ खुलासा:
• दो दिन पहले वायरल हुई एक ऑडियो और व्हाट्सएप चैट में फर्जीवाड़े की योजना सामने आई थी।
• राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यकारी निदेशक सुहर्ष भगत ने SSP राजीव मिश्रा को इसकी जांच का आदेश दिया।
परीक्षा रद्द की आशंका
पुलिस की जांच जारी है। फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर परीक्षा रद्द हो सकती है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गड़बड़ी में और कौन-कौन शामिल हैं।
यह घटना सरकारी परीक्षाओं में बढ़ती धांधली की ओर इशारा करती है, जो युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।