सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए एक नया कदम उठाया गया है। अब कक्षा 1 से 12वीं तक के छात्रों के लिए वीकली टेस्ट का आयोजन किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने बताया कि यह व्यवस्था 2025 से प्रभावी होगी, जहां तरैमासिक, अर्धवर्षिक और वार्षिक परीक्षाएँ भी होंगी।
राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक ने बताया कि कक्षा 1 से 8वीं तक की परीक्षाएँ क्रमशः संचालन की जाएंगी, जबकि 9वीं से 12वीं तक की परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ली जाएगी।
हालांकि, सेंटअप परीक्षा के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस नए परीक्षा सिस्टम के तहत छात्रों को हर सप्ताह अपनी पढ़ाई को तेज करने और समझने का एक मजेदार अवसर मिलेगा। यह कदम न केवल छात्रों के लिए बल्कि शिक्षकों के लिए भी सहायक साबित होगा, जिससे वो अपनी शिक्षण विधियों को सर्वश्रेष्ठ बना सकेंगे।
शिक्षा विभाग का मानना है कि यह नया प्रणाली छात्रों को निरंतरता और बेहतर तैयारी में मदद करेगी, जिससे उनकी क्षमता का विकास होगा। इस बदलाव के पीछे की मूल भावना है - "शिक्षा, सभी के लिए, और निरंतर।"
शिक्षा मंत्रालय द्वारा की गई पहल का स्वागत
इस महत्वपूर्ण बदलाव की खबर सुनकर सभी शिक्षा विशेषज्ञों और अभिभावकों ने इसे सकारात्मक तरीके से लिया है। अभिभावकों का मानना है कि यह पूर्व की तुलना में अधिक प्रभावी होगा और इसके माध्यम से बच्चों की रेटिंग के स्तर को समझना भी सरल हो जाएगा।
कुल मिलाकर, इस नए निजाम से शिक्षा के स्तर में सुधार होने की संभावना बढ़ गई है, और छात्रों के लिए सीखने का अनुभव और भी बेहतर होगा। सरकारी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली में हुए इन बदलावों को लेकर सभी उत्साहित हैं और उम्मीद करते हैं कि इससे छात्रों का भविष्य उज्ज्वल होगा।