नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन गुरुवार रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हो गया। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। भारतीय राजनीति में एक अत्यधिक सम्मानित व्यक्तित्व माने जाने वाले मनमोहन सिंह के निधन पर केंद्र सरकार ने 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। साथ ही, शुक्रवार को होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
मनमोहन सिंह ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में 2004 से 2014 तक कार्य किया। उनकी आर्थिक नीतियों और नेतृत्व कौशल को देशभर में सराहा गया। उन्हें एक ईमानदार और अनुभवी नेता के तौर पर याद किया जाएगा, जिन्होंने वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखा। उनकी नीतियों और दृष्टिकोण ने भारत को विकास की नई दिशा दी, और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अनेक ऐतिहासिक आर्थिक सुधार किए।
पूर्व प्रधानमंत्री के निधन की खबर सुनते ही देश के हर कोने में शोक की लहर दौड़ गई। कांग्रेस पार्टी और कई अन्य राजनीतिक दलों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उनके योगदान को नमन करते हुए पार्टी ने कहा कि उनके बिना भारतीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण अध्याय समाप्त हो गया है।
केंद्र सरकार ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए शुक्रवार सुबह 11 बजे कैबिनेट बैठक का आयोजन किया है, जिसमें सभी मंत्री और उच्च अधिकारी शामिल होंगे।
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब (अब पाकिस्तान) के जोलिया नामक गाँव में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा और करियर की शुरुआत भारतीय प्रशासनिक सेवा से की थी और फिर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और वित्त मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत ने एक नई वैश्विक पहचान बनाई और देश की अर्थव्यवस्था ने तेज़ी से विकास किया।
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उनके निधन से देश ने एक महान नेता को खो दिया है, जो राजनीति और अर्थव्यवस्था दोनों में एक अमिट छाप छोड़ गए।
उनके परिवार और उनके समर्थकों के प्रति गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करते हुए, देशभर के नागरिक उनके योगदान को हमेशा याद करेंगे।