भारत में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और इसके गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं। लैंसेट प्लेनेट हेल्थ में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, प्रदूषण के चलते देश में हर साल करीब 15 लाख लोगों की जान जा रही है।
WHO के मानकों से अधिक प्रदूषण
स्टडी के अनुसार, भारत में वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा तय किए गए मानकों से कहीं ज्यादा है। इसके कारण लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
खराब हवा में जी रही है बड़ी आबादी
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 81.9 फीसदी आबादी ऐसे इलाकों में रहती है जहां हवा की गुणवत्ता बेहद खराब है। प्रदूषित हवा श्वसन तंत्र, हृदय रोग और कैंसर जैसी बीमारियों का मुख्य कारण बन रही है।
प्रदूषण से होने वाले खतरे
• वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर हो रहा है।
• लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से श्वसन और हृदय संबंधी समस्याओं में वृद्धि हो रही है।
• प्रदूषण के कारण मृत्यु दर लगातार बढ़ रही है।
जरूरी कदम उठाने की मांग
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सरकार को तुरंत सख्त कदम उठाने होंगे। वाहनों से निकलने वाले धुएं, औद्योगिक उत्सर्जन, और पराली जलाने पर नियंत्रण जरूरी है। साथ ही, लोगों को भी पर्यावरण को संरक्षित करने के प्रति जागरूक होना होगा।
सार्वजनिक स्वास्थ्य पर संकट
यह स्टडी भारत में बढ़ते प्रदूषण को एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के रूप में पेश करती है। अगर जल्द ही प्रभावी उपाय नहीं किए गए, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है।