बिहार में अब पेपर लीक करने वाले अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने ऐलान किया है कि अगर किसी व्यक्ति का नाम पेपर लीक मामले में आता है, तो उसकी पूरी संपत्ति की जांच की जाएगी। केवल आरोपी की नहीं, बल्कि उसके पूर्वजों की संपत्तियों की भी जांच की जाएगी।
इसके बाद उन पर कुर्की जब्ती की कार्रवाई भी की जा सकती है। ईओयू के अनुसार, इस अपराध में शामिल लोगों को 10 साल की सजा और 1 करोड़ से लेकर 10 करोड़ तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह कदम राज्य में शिक्षा में हो रहे भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए उठाया गया है। अब बिहार में पेपर लीक करने वाले अपराधियों को सिर्फ कानूनी सजा ही नहीं, बल्कि उनकी संपत्तियों पर भी गाज गिरने का डर होगा।
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