RTI BIHAR NEWS |
गुरुवार की रात, जब तारे चाँदनी रात में चमक रहे थे, तब भग्य के गर्भ में छुपा था एक दुखद मंजर। गौतम यादव अपनी पत्नी वर्षा, बेटा आयुष (7) और बेटी ज्योति (4) के साथ सो रहे थे। घर में मोमबती जल रही थी, जो अचानक गिरकर कपड़े और अन्य फर्नीचर से लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया।
बताया जा रहा है कि आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कुछ ही क्षणों में घर का पूरा सामान जलकर खाक हो गया। परिवार के सदस्य चीख-पुकार करते रहे, लेकिन निकलने का कोई रास्ता न पाकर तीनों की आत्मा ने अग्निकुंड में ही समा गई। वहीं गौतम यादव को गंभीर रूप से जलन के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
यह घटना न केवल परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति है, बल्कि पूरे गाँव में एक हृदयविदारक मातम का मौहाल बना दिया है। लोग इसके कारणों पर बहस कर रहे हैं और विशेषज्ञ आग से बचाव के उपायों पर समझदारी की जरूरत का जिक्र कर रहे हैं।
दुख की घड़ी में, हमें याद रखने की जरूरत है कि सुरक्षा के नियमों का पालन करना कैसे हमारी जान बचा सकता है। आइए, हम सब मिलकर आग जनी के इस तरह के हादसों को रोकने का संकल्प लें, ताकि किसी और माता-पिता को अपने बच्चों को खोने के दर्द का सामना न करना पड़े।
सुरक्षा सबसे ज़रूरी है। आग से बचाव के विसंगतियों पर ध्यान दें, ताकि इस प्रकार की घटनाएँ फिर कभी न हों।