अरवल, बिहार - अरवल जिले के सदर थानाध्यक्ष मोहम्मद अली साबरी पर भ्रष्टाचार और घूसखोरी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व सैनिक अरुण कुमार यादव ने पुलिस अधीक्षक से तत्काल कार्रवाई की अपील करते हुए साबरी को पद से हटाने की मांग की है।
यादव ने आरोप लगाया कि मोहम्मद अली साबरी आरोपी व्यक्तियों से मोटी रकम लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। एक विशेष मामले का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि एक युवक, राहुल कुमार (पिता: मुकेश कुमार) जो ग्राम लेखा विगहा का निवासी है, हथियार के साथ खुलेआम घूम रहा है। बावजूद इसके, थानाध्यक्ष ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
क्या है मामला?
अरुण कुमार यादव ने बताया कि आरोपी युवक राहुल कुमार, बिना किसी डर या खौफ के हथियार लेकर सड़क पर दौड़ता हुआ दिख रहा है, और यह घटना कई दिनों से जारी है। इसके बावजूद सदर थानाध्यक्ष ने मामले की गंभीरता को नजरअंदाज किया है, जबकि इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क और भ्रष्टाचार की संभावना जताई जा रही है।
भ्रष्टाचार के आरोप
अरुण कुमार यादव का कहना है कि थानाध्यक्ष, जो पुलिस व्यवस्था का संचालन कर रहे हैं, उन्होंने आरोपी से मोटी रकम लेकर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह एक आम प्रथा बन गई है, जहां पुलिसकर्मी घूस लेकर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहते हैं।
आखिर क्यों थानाध्यक्ष पर कार्रवाई नहीं हुई?
वर्तमान में अरवल पुलिस अधीक्षक के समक्ष इस मामले को उठाया गया है। भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि अगर पुलिस अधिकारी इसी तरह भ्रष्टाचार की तरफदारी करते रहे, तो आम जनता का विश्वास पुलिस व्यवस्था से उठ जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई तो जनता सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो सकती है।
अरवल के नागरिक और भाजपा नेताओं की मांग स्पष्ट है - पुलिस व्यवस्था में सुधार, पारदर्शिता, और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई। अगर थानाध्यक्ष मोहम्मद अली साबरी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, तो यह जिले में पुलिस पर सवालिया निशान खड़ा कर सकता है और नागरिकों के बीच पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास को नुकसान पहुँचा सकता है।
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