बिहार में छठ पर्व के दौरान डूबने से अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। पूर्वी बिहार के विभिन्न जिलों, खासकर कोसी-सीमांचल क्षेत्र में ये घटनाएं सामने आईं हैं। सबसे ज्यादा खगड़िया जिले में चार लोग डूबे हैं, जबकि मुंगेर और सहरसा में तीन-तीन मौतें हुई हैं। इसके अलावा, मधेपुरा, किशनगंज, लखीसराय और अररिया में दो-दो और छपरा में भी दो लोगों की डूबने से मौत हो गई। कटिहार और पूर्णिया में 1-1 मौत का मामला सामने आया है।
बिहार में छठ पर्व के दौरान डूबने की बढ़ती घटनाएं:
छठ पर्व का आयोजन पूरे राज्य में धूमधाम से हो रहा था, लेकिन यह पर्व कई परिवारों के लिए आक्रोश का कारण बन गया। विभिन्न जिलों में गहरे पानी में डूबने की वजह से लोगों की जान गई। स्थानीय प्रशासन और SDRF की टीमें घटनास्थल पर पहुंचकर डूबे हुए लोगों की तलाश कर रही हैं।
SDRF की सख्त चेतावनी:
साथ ही, SDRF ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे अधिक गहरे और खतरनाक पानी में न उतरें। प्रशासन ने भी लोगों से अपील की है कि वे छठ पर्व के दौरान सुरक्षित स्थानों पर ही पूजा करें और पानी में जाने से पहले सभी सावधानियां बरतें।
छठ पर्व के दौरान मौतों का बढ़ना एक चिंता का विषय:
इस घटना ने सरकार और प्रशासन के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। मृतकों के परिवारों में शोक की लहर है, वहीं इस घटना को लेकर राजनीति भी गर्म हो गई है। स्थानीय नेताओं ने हादसों के कारणों पर सवाल उठाए हैं और प्रशासन से अधिक सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है।
कृपया सुरक्षित रहें:
बिहार सरकार और स्थानीय प्रशासन ने सभी से अपील की है कि वे छठ पर्व की पूजा से पहले सुरक्षा के सभी उपायों को ध्यान में रखें और कहीं भी गहरे पानी में न उतरें।
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