परिजनों ने इस घटना को धन के लेन-देन से जोड़ते हुए बताया कि गौतम का किसी के द्वारा पैसे को लेकर ब्लैकमेल किया जा रहा था, जिससे वह डिप्रेशन में चला गया था। कर्नाटक के बेलगाम में तैनात गौतम ने अपनी परेशानियों को अपने परिवार के अलावा कुछ अन्य लोगों के साथ साझा किया था। ऐसा लग रहा है कि उसने हाल ही में अपने पिता और अन्य करीबी व्यक्तियों से एक लाख रुपए भी अपने खाते में मंगवाए थे।
स्थानीय पुलिस तेजी से मामले की जांच कर रही है, ताकि पता चल सके कि किन कारणों से गौतम ने दुखद कदम उठाया। गांववासियों में इस घटना की वजह से एक बड़ी चर्चा छिड़ गई है, और कई लोग तब से यह सोचने पर मजबूर हैं कि क्या प्रेशर और मानसिक तनाव की बातें हमें समय रहते पहचाननी चाहिए?
गंगहर गांव में सबकी ज़िंदगियां अब इस घटना से प्रभावित हो गई हैं, और सवाल उठता है कि क्या हम एक-दूसरे की परेशानी को समझने और सही समय पर मदद करने की दिशा में पर्याप्त प्रयास कर रहे हैं? गौतम की आत्महत्या ने इस विषय पर और गहराई से सोचने के लिए मजबूर किया है। इस त्रासदी में परिवार को ढाढस बंधाने के साथ-साथ, समाज को भी एक महत्वपूर्ण सीख देने का अवसर है कि हमारा सहयोग किसी की ज़िंदगी में बड़े बदलाव ला सकता है।