हालांकि, 2022 और 2023 में मिलाकर 34 विदेशी नागरिकों को भी फांसी दी गई थी, यह स्थिति अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है। यूरोपियन-सऊदी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, this data असामान्य वृद्धि की ओर इशारा करता है और मानव अधिकारों की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
इस वर्ष की शुरूआत से अब तक विदेशियों को फांसी देने की इस तेज़ गति ने मानवाधिकार संगठनों को चिंता में डाल दिया है। उनका कहना है कि ऐसा करना सऊदी अरब की न्याय प्रणाली और मानवाधिकारों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
इस मामले में सऊदी प्रशासन की सख्ती पर सवाल उठाए जा रहे हैं, खासकर drug trafficking जैसे गंभीर अपराधों में overseas nationals को लक्ष्य बनाने के संदर्भ में। मानवाधिकार संगठनों का आरोप है कि इसकी परिणामी स्थिति में प्रायोगिक न्याय और उचित सुनवाई का अभाव हो सकता है।
सऊदी अरब में फांसी की सजा का मामला विश्व स्तर पर चिंताओं का केंद्र बन चुका है। आगे की घटनाओं पर आपकी टिप्पणियों का स्वागत है।